धौंकलसिंह राजपूत ने मुझे लोल्लीपॉप चटाया – Indian Sex Stories

Indian Sex Stories – मैं लोलिता। उस दिन जब मैं स्कूल से घासीलाल हलवाई की दूकान में जलेबी खाने की मंशा से निकली तो एक कद्दावर आदमी ने मुझे रास्ते में रोक लिया। शायद वो स्कूल के गेट से मेरा ही पीछा कर रहा हो।उसने कहा कि उसकी बेटी भी यहाँ पढ़ती है पर आज मेम उसे एक नाटक में भाग लेने रिहर्सल कराएगी।तेरी शक्ल मेरी बेटी से हूबहू मिलती है, इसलिए सोचा आज बेटी की जगह तुझे ही प्यार कर लूँ। उसने अपनी बेटी की तीन सहेलियों के नाम बताए, उनमें से एक मेरी फ्रेंड निकली तो मुझे उस आदमी पर विश्वास हो गया। उसने अपना नाम ‘धौंकलसिंह’ बताया।बोला कि उसका पूरा खानदान राठौड़ राजपूत है।वो एक चूड़ीदार पाजामा पहने हुए था जिसमें जांघों से शुरू हो कमर तक का कपड़ा फूला हुआ था; ऊपर बिरजस थी व सिर पर पूंछदार रंगीन साफा।मैंने कहा मैं शायद जलेबी खाना चाहती हूँ तो वह बोला: ‘जलेबी में क्या रखा है, आजकल तो मुन्नी-गुड्डी छोरियाँ ‘लोल्लीपॉप’ खाती हैं, उसने नाम भी बताया ”लंडनवाला लोल्लीपॉप’। वो बोला ‘जलेबी में तो खाली चीनी की चाशनी होती है मगर ‘लोल्लीपॉप’ में विटामिन होते हैं जिससे बूब्स बढ़ते हैं, तेरे तो छोटे-छोटे हैं। मैंने पूछा ‘बूब्स’ क्या होते हैं तो उसने मेरे कच्चे मम्मे मसल बताया कि ‘ये,ये’ होते हैं।तेरे मम्मे कच्चे अमरूद जैसे हैं, पके आम जैसे नहीं; मेरी बेटी के मम्मे पके आम -जैसे सुघड़ गोल-गोल हैं।मेरी चूतड़ छू के बोला ‘तेरे हिप्स भी छोटे हैं,छोटे है तेरे चूतड़!’ तो मैं समझ गयी कि ये आदमी भला है।
धौंकलसिंह जी ने मेरा कोमल हाथ अपनी हथेली में थाम लिया,और मुझे सड़क पार कराई।सामने से एक ट्रक आ रहा था इसलिए उन्होंने खींच मुझे गोदी में चढ़ा लिया,मेरी चूतड़ उनके पेट से लग गयी थी जिससे मुझे ज्ञान हुआ कि उनका पेट भारी, कुछ आगे को आया हुआ व मांसल है।सड़क पार करने पर उन्होंने मुझे गोद से उतार दिया, सामने ही एक दूकान थी जिसके बोर्ड पर लिखा हुआ था ” लंडनवाला”। वो बोले इस दूकान का उदघाटन भी आज ही हुआ है, ये उसके स्कॉट दोस्त ‘ग्रेगरी-स्कॉट ‘ का है,इनके बाप व भाई लंडन, फ्लीट स्ट्रीट पर रहते हैं।
दूकान एक दम साफ-सुथरी झकाझक-चकाचक थी।धौंकलसिंह जी ने पहले तो अपने लिए वाइन (दारू) मँगवाई,यूं ये दारू की दूकान न थी, मुझसे कहा ‘तुम भी पीओ! बच्ची!’मैंने कहा ‘हम नहीं पीते’। बोले ‘बीअर मंगा दूँ!’मैंने कहा–‘मैं तो लोल्लीपॉप’ खाऊँगी, सर!’वो हंसने लगे, कहा– वो ही तो खिलाने यहाँ लाये है, गुड़िया रानी!” चलो, बीअर नहीं, कोका कोला ही पी लो,इस पर मैंने हामी भर दी। कोका कोला की बैगनी बोतल गटक-गटक मेरे हलक में उतरी,कुछ जाम छलक कर मेरे भीतर ( मम्मों में) गिर गया।’सम्हल कर, बेटी!’यह कह सिंह जी ने मेरे मम्मे छेड़े, जो पता नहीं क्यों मुझे अच्छे लगे।
” मुन्नी!, कौन सा लोल्लीपॉप खाओगी तुम’ बेरे ने पूछा,’लंबा या मोटा; रंग कौनसा? बैगनी या लाल?’वो पूछता रहा। सिंह जी ने हंस कर कहा– अरे भाई, ये पहली बार लंडन का माल खा रही है,इसे हम जो ठीक समझेंगे वो खिलाएँगे’। ‘ठीक है न, बेटा!’अब वो प्यार से मेरा गाल सहलाने व मरोड़ने लगे; मैं लजा रही थी।बेरा बोला, ‘सर! प्राइवेट केबिन में? यहाँ डिस्टर्ब होगा।’सिंह जी सर ने मेरी टांग दबा कहा, ‘बेटी, उधर अंदर तसल्ली से खाना , चल मेरी मुन्नी!’वे उठे और मैं भी उनसे लिपटी-लपटी चल दी।मुंह में लोल्लीपॉप के लड्डू फूट रहे थे।
भीतर, प्राइवेट होने का माहौल ही कुछ और था। मधुर और मादक म्यूजिक बज रहा था,दीवारों पर उत्तेजित चित्र थे,टेलीवीजन पर आपस में कुश्ती लड़ती , एक-दूसरे पर चढ़ अटकती-पटकती लड़कियों की पिक्चर चल रही थी, कुछ कस्तूरी जैसी सुगंध भी आ रही थी; शायद कोका कोला में कुछ था जिससे अब मुझे नशा भी आ रहा था।मेरा दिल कर रहा था कि मैं धौंकलसिंह की गोद में गिर पड़ू।धौंकलसिंह ने बिरजस ढीली कर अपना पेट उघाड़ा। फिर पाजामे का नाड़ा ढीला किया क्योंकि मैंने देखा था। फिर परसों घासीलाल हलवाई का भी अनुभव था, सो मैं सोच रही थी कि क्या मैं खुद सिंह जी की गोद में सरकूँ? या वे ****?फिर मैंने भी अपनी स्कर्ट व टॉप्स ढीले किए ताकि सर जरूरत समझे तो आसानी से उन्हें खोल-निकाल सके।
अब सर बोले– ‘गुड्डी,तुम मेरी गोद में सरक जाओ, पहले मैं लाड़ लड़ाऊँगा, फिर तुम्हारे मुंह में लोल्लीपॉप भरूँगा!’ ‘ देखो, तुम मेरी बेटी जैसी हो, उसे भी मैं गोद चढ़ा प्यार करता हूँ। ‘ मैं हल्के नशे में आ गई थी इसलिए चहक कर बोली: ‘जी, पापा; अपनी बच्ची से लाड़ तो सब ही करते हैं।’यह कह मैं धम्म-से धौंकलसिंह की गोद में गिर पड़ी,मेरी छोटी-छोटी टांगें ऊपर और नंगी जांघें उनके पाजामे से सट गयी।”आह, बेटी, थोड़ा ऊपर होना’, यह कह उन्होंने मेरा स्कर्ट ऊंचा किया ताकि जब बैठूँ तो उनका ”वो” मेरी पेंटी से चिपक टक्कर मारे।यही हुआ, जब मैं दुबारा बैठी तो मुझे अपनी चूतड़ पर मांस का भारी दबाव लगा, महसूस हुआ कि सिंह जी का घासीराम हलवाई से मोटा है।
धौंकलसिंह बोले- ‘मुन्नी, पहले बैंगनी लोल्लीपॉप लोगी या लाल-लाल? वैसे तो . . . ? मैंने कहा ‘लाल-लाल’ और फिर बोली, ‘ मेरा प्यार का नाम लोल्ली है, चाहो तो वो कहो या लल्लोलोली ।’ठीक है’, कहते उनकी जांघें चरमराई और लिंग ने मेरी पेंटी को टक्कर मारी। वो तो अब मेरे टॉप्स भी खोलने लगे। तभी बेरा एक तश्तरी में तीन लाल -भभक लोल्लीपॉप लेकर आया,तीनों की लंबाई-मोटाई अलग-अलग थी। मैंने बीच का लिया, और नन्ही बच्ची की तरह चाटने लगी। वो, उसका रस मेरी हलक में उतरने लगा:रस गाढ़ा था और चिपचिपा भी।यानी इस वक्त नशा भरपूर और मज़ा भरपूर।
धौंकलसिंह मुझसे धीरे से बोले : ‘ लल्लो जान, तुम समझदार हो, लोल्लीपॉप क्या, मैं तुम्हें कश्मीरवाला किशमिश- कलाकंद खिलाऊँगा, एक काम कर, थोड़ी खड़ी हो, जान,’ मैं खड़ी हो गयी और खड़ी रही तो उन्होंने पीछे से शायद अपना पूरा पाजामा उतार फेंका। यही नहीं, उन्होंने मेरी पेंटी व स्कर्ट भी उतार फेंका। आह!मैं छोटी-सी छोकरी? जबकि सर का मोटा हाथ मेरे खड़े-खड़े मेरे छोटे-छोटे मम्मे नंगे करने पिल पड़ा।फिर वो बैठ गए और मेरी जांघें अपनी जांघों में दबोच ली। चिल्लाये:”शाबाश, जानेमन!!!’पता नहीं उनका मुझे ‘जानेमन’ कहना मुझे बहुत अच्छा लगा।उसी वक्त उनका कडक लंड़ मेरी फुद्दी टटोलने बढ़ा।वो चबड़-चबड़ मेरे गाल चूँसने लगे। उनका एक हाथ मेरे मम्मे मसल रहा, दूसरा मेरी नाजुक चूत में खुजली करने लगा।अहा, क्या बात थी!!
धौंकलसिंह ने मुझे कहा, देख, मैं तुम्हें एक फिल्म दिखाता हूँ, ये मज़ा कैसे लिया जाता है, वो बोले ये अमाइ लियू लड़की है, सचमुच की, देख, ये फिल्म में कैसे मस्ती से अपने बाप की उम्र के मर्द को कैसे हंस-हंस कर चूत दे रही है।’ वो फिल्म मैंने देखी तो मेरे ज्ञान के चक्षु खुल गए।दुनिया कहाँ जा रही है, और मैं एक स्कूल-छोकरी ही बन कर अटकी हुई हूँ।धौंकलसिंह बोले, ‘जानेमन,इस लाइन में आने पर बड़े-बड़े अफसर, प्रिंसीपल, कर्नल-मेजर,अरब के सेठ और शेख साहिबान से तुम्हारी जानपहचान हो जाएगी। तुम हवाई जहाज में घूमोगी, पुलिस के अफसर तुम्हारे पैर चाटेंगे।’ ‘ मैं चाहता हूँ तुम व मेरी बेटी इस लाइन में नाम कमाओ!’अमाइ लियू की नंगी फिल्म अभी भी मेरी आँखों के आगे नाच रही थी।
अब खुद ही मैंने अपने टॉप्स-ब्रा सब उतार दिये और पूरी नंगी-मुच्ची हो ढोंकलसिंह के मोटे लंड के सामने आकर बोली: ‘तो, मुझे सिखायें, क्या करना होता है इसमें!’धौंकल राठौड़ राजा साहब बोले: ‘सिर्फ नंगी होने से कोई कलाकार,स्टार या सेलेब्रिटी नहीं बन जाता; इसमें शरम खोल, अश्लील व गंदी हरकतें करनी होती है। ये मनोरंजन नहीं कला है। मेरी बहिन 23 की है, वो इस लाइन में नाम कमा रही है।’ मैं यह सुन उनके चरणों में गिर पड़ी और बोली ” जो आप कहोगे, करूंगी!पापा जी!!!!!”
वो चहक कर बोले–‘ऐसा है तो चल पलंग के पास, अपनी एक टांग उठा, मैं तेरी फुद्दी में ज़ोर से अंगुली करूंगा, घप्प-घप्प, तुझे आह -ऊह कहते हुये सिसकारियाँ भरनी है, फिर मैं तेरी फुद्दी में अपना मोटा लंड़ ठेलूंगा , ठोंकूंगा, ठरकाउंगा तब तुम्हें ‘ओह, मां, ओह म्मां, मज़ा आगया’ बकना है। ‘उस वक्त धौंकलसिंह राठौड़ राजपूत मेरी चू त बजने लगे, पूरा 8 इंच अंदर घुसेड़ दबाया, और साथ में दो अंगुल भी धंसा दी। भगवान की कृपा से मुझे भी जोश आ गया और मैं चिल्लाने लगी:” आहा, आहा, और ज़ोर से ठोको, हड्डी तोड़ दो, लंड़ को जड़ समेत मेरी चू त में डाल चारों ओर फिराओ! आह, चोदो , अपनी बेटी को चोदो !!!!! ”
धौंकलसिंह ने कहा; “और गंदा बोलने की प्रेक्टिस करो’ फिर मेरी ठुड्डी उठा मेरे को आँख मारी और कहा , ‘मेरी बिटिया रानी,मैं आज दिन दहाड़े तेरी ‘गांड़ मारूँगा’! ‘ बोल, मरवाएगी अपने बाप से अपनी गांड़ ?’मैं नशे में बोली: ‘ हाँ , हाँ , मरवाउंगी, मरवाउंगी अपने बाप से अपनी कमसिन गांड !!!!’धौंकलसिंह ने कहा : ‘बेटी, ये करो,’ तो मैं आगे झुकी, सिर नीचा और गांड ऊंची उठा दी; बाप धौंकल मेरे पिछवाड़े आ मेरी गांड को पहले जीभ से चाटा, फिर थूक लगा गांड के छेद में अंगुल घुसाई—एक, दो, तीन— और फिर हाये , मेरी गांड के छेद में क्रूरतापूर्वक लंड घुसेड़ बेटी चोदने लगा! मैं, दर्द हो रहा था फिर भी चिल्लाई: ‘आह, आह, ओह, ओह, अहा, अहा,ऊई , ऊई — हाँ और मारो, मारो, मा रो !!!!! अर्रेरे!! मज़ा आ गया !!!’
मैं खानदानी वीर राजपूत धौंकलसिंह राठौड़ की शुक्रगुजार हूँ कि उन्होने मुझे अपनी बेटी समझ मेरी चूत बजाई व गांड मारी।



চতি গলপ বোরখা হিনদুআমার মায়ের ঝুলা মাই খেয়ে চুদলো বনদুবাড়ি অলা মাগিরে চুদাमराठी झवाझविची कथाPure Sex Choti Kahini Banglaদাদিকে চুদলেন নাতি চটিammavin pee thinnum tamil kamakadhaiচুদার সুখ দাওTelugu sex stroysচলো চূদাচুদির গল্প করিবউ পরপুরুষের কাছে ধার দিলাম চটিগল্পWw.Banla X Golpo Mar Sataকাকওল্ড মুখে মুতলাম চটিzavlo kathaবোন নিজেই ভাইকে দিয়ে চুদাইল বাস্বব বাংলা চাটি গল্পআপন বৌদিকে ফাসিয়ে চুদার গলপwww.buma.choti.comচটি স্বামীর সাথে বাবাকে কল্পনাসেরা বাংলা চটিআপা চুদাচুদি কীRojina Ke Sudlam Golpuமாமியாரின் புண்டை நக்கிய கதைகள்চুদার গল্প্ বউদির সাথেnakal bara choti galpoআমার দুধ চুষেകമ്പി കഥ ഫാമിലിलेस्बियन झवायची कथाচটি গল্প বিধবা বধুসেকসি কাকিকে প্রতিদিন রাতে চুদার চটিবড় বড় দুধের গলপো জানতে চাইমামীকে চোদার ওপায়মা ছেলে মাসিক চটি গল্পসালীরব্রামোটা পাছা গলপमराठी झवा झवी चि कथाমাসিকের দিন পোঁদ মারার গল্পbangali choti old imegs and Choti golpo maভাইবোনের চোদন রহস্য চটি গল্পFliz. Z.. Asalaডাসা পাছা।চটি।মামা মাকে চোদে পরে আমাকেওবউকে ভাড়া কাটায় স্বামী চটিকিভাবে মার সাথে চুদাচুদি করবোচুদে পেট করা চটিভাসুরকে দিয়ে গুদ মারালামGay kama kathaluবৌদিকে বিয়ে করে দিন রাত চোদার চটি www নোংরা কথায় মা ছেলের চুদাচুদির গরম স্টোরিবেশি সময় চোদার চটিসেক্স করার নতুন সব গল্পোबहीनी ला भावाने झवलेAmma mathu hendati thangi Kannada sex storyবৌ চোদাtamil.நடிகையின்.கதை.sexbirbal sex story hindiচটিমাএকসাথে ভাইয়ের ও বাবার চুদা খেলামஆன்டி செக்ஸ் கதைக்கள்marathi gavran vahini sex storiesচটি গল্প মা চোদাচুদি আওয়াজদাদু আমার বাবা চটি গলপোস্কুল বাশে চটি.comchuda chudi sali dulabhai bari berate ase chilo golpo bengaliবউ মরা কামুক পুরুষের কস্ট পর্ব চটিআহ আহ দুলাভাই কি সুখ চটিschool ponnai umba vaikum kathai tamilকচি মাংগে বড় মোটা হোল ঠেলে ঢুকে মাল ফেলে পেট করলোচাচি ও মাকে চোদে দাদু চটিआईची प्रणय कथाবিয়ের পরে চোদার গল্পো মাকে পরপুরুষ দিয়ে চুদিয়ে টাকা কামায় ছেলে হট চটিதமிழ் சித்தி குளிக்கும்போது காமக்கதைகள்Aai sex stroyদিদির সাথে চটিமகன் ஓக்க காமகதைkambi kadhawww.kannada.hot.sex.stories. बहिनी च्या पुची वर लावली www.marathi baykochi maitrin sex kathabaap leck sex katha marathiUncle tho sex matalu gay kathaমেয়েদের গুদের কামড়ে গুদের ভিতরে কি কি ভরেझवाझवि कथाapur pasa cudar golpo