Girl Boy Sex Stories Hindi – उसने मुझे नेहा और अस्मिता की चूत दिलाने का वादा किया था तो मैंने उसे नाराज़ करना उचित नहीं समझा और तुरंत एक झटके में अपना लंड उसकी चूत पर रख कर धक्का लगा दिया. इस एक धक्के से मेरा लन्ड अंदर चला गया. उसे काफी दर्द हुआ…
सभी लड़कियों एवं चूत वाली भाभियों को मेरे खड़े लंड का सलाम. मेरा नाम श्याम नरेश है और मैं इस साइट पर पहली बार अपनी कोई सच्ची घटना आप लोगों के सामने शेयर कर रहा हूं. उम्मीद है कि मेरी यह कहानी आप लोगों को जरूर पसंद आएगी.
दोस्तों, मैं पटना में रहता हूं. मैं यहां पढ़ने के लिए आया हूं. जिस जगह पर मैं रहता हूं, वहीं मेरे बगल के एक घर में नेहा, सुनीता और अस्मिता नाम की तीन लड़कियां रहती हैं. वे लड़कियां इंजीनियरिंग की तैयारी हेतु यहां रह कर ट्यूशन करती हैं.
उस समय उनके एग्जाम भी निकट थे. एग्जाम के दौरान वे तीनों लड़कियां अक्सर मेरे पास एडमिट कार्ड या एग्जाम हॉल टिकट का प्रिंट निकालवाने के लिए आया करती थी.
दोस्तों, मैं सेक्स का बड़ा ही शौकीन आदमी हूं और अक्सर अपने सिस्टम पर ब्लू मूवीज देखता हूँ और फेसबुक पर एडल्ट चैटिंग भी किया करता हूं. एक दिन की बात है. मैं शाम को 5 बजे बैठ कर फेसबुक पर एक लड़की के साथ सेक्स वीडियो चैटिंग कर रहा था.
जो लड़की मुझसे बात कर रही थी, उसने अपने कपड़े उतार रखे थे और अपनी चूत खोलने जा रही थी. मैं उसे देख कर वहीं रूम में कैमरे के सामने मुठ मार रहा था. तभी अचानक से मेरा कमरा खुला और मैं दंग रह गया. दरवाजे पर सुनीता खड़ी थी.
दोस्तों, मैं हमेशा इस तरह का काम दरवाजा बंद करके ही किया करता था, लेकिन गलती से आज मेरा दरवाजा खुला रह गया.
सुनीता मुझे वह बहुत ही खूबसूरत लग रही थी. उसका शरीर गदराया हुआ था और जवानी उफान मार रही थी. जब मैंने उसे अचानक देखा तो मैं अपना सारा सिस्टम बंद करने लगा. लेकिन तभी उसने बड़े ही आराम से कहा, “कोई बात नहीं, यह सब तो इस उम्र में नॉर्मल सी चीज है और अगर तुम चाहो तो तुम मेरी गर्मी भी शांत कर सकते हो. मैं भी तुम्हें देख कर गर्म हो गई हूं.”
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मैंने उसकी आंखों में सेक्स के प्रति तड़प देखी और फिर मैंने उसका फायदा उठाने की सोची. मैंने उसके सामने एक शर्त रखी और कहा कि मैं तुम्हें तभी चोद सकता हूं, जब तुम अपने दोस्तों को भी उनकी गर्मी शांत कराने के लिए मेरे पास आने के लिए राजी करो.
दोस्तों, मैंने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि नेहा उन सब में सबसे सुंदर और मस्त थी. उसकी आंखें कातिलाना थी और उसके होंठ को देखने के बाद तो मन करता था कि बस अभी के अभी उन्हें चूस जाऊं.
दोस्तों, उसकी खूबसूरती का जितना भी वर्णन करो कम है. उसके चूचे एक दम से उभरे हुए थे और उसकी गांड भी एक दम मस्त गदराई हुई थी. कोई दूर से भी उसे देख कर अपना पानी छोड़ सकता था. ऐसी मस्त जवानी थी उसकी!
फिर मेरी इस शर्त पर सुनीता मान गई और फिर मैंने उसकी ठुकाई शुरू कर दी. सबसे पहले मैंने उसके होंठों को कस कर खूब चूमा और अपने एक हाथ से उसकी चुचियों को मसल दिया.
दोस्तों, ऐसा करने में मुझे बहुत मजा आ रहा था और मेरा लंड सातवें आसमान पर था. वो पूरी तरह से खड़ा था और छत की ओर देख रहा था. फिर मैंने उसकी चूचियों को मुंह में ले लिया और जोर – जोर से चूसने लगा.
इस दौरान मेरा एक हाथ उसकी चूत पर पहुंच गया था. फिर मैंने उसकी चूत को हाथों से कस के मसल दिया और फिर अचानक से अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी. जिससे वो कसमसा गई और कहने लगी, “प्लीज, मुझे ठंडा कर दो. मैं बहुत ही गर्म हो चुकी हूं.”
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चूंकि, उसने मुझे नेहा और अस्मिता की चूत दिलाने का वादा किया था तो मैंने उसे नाराज़ करना उचित नहीं समझा और तुरंत एक झटके में अपना लंड उसकी चूत पर रख कर धक्का लगा दिया. इस एक धक्के से मेरा लन्ड अंदर चला गया. उसे काफी दर्द हुआ.
मैंने देखा कि यह अभी तक किसी और से नहीं चुदी थी. मैंने अपने इस एक झटके से उसके हायमेन को तोड़ दिया था और दर्द की वजह से वह रोने लगी थी. फिर मैंने अपने होंठ को उसके होंठों पर रख दिया ताकि आवाज बाहर ना जाए और धीरे – धीरे उसकी ठुकाई करने लगा.
कुछ देर बाद उसे दर्द से निजात मिल गई और दोनों ने जम कर मजे के साथ चुदाई की. इस दौरान मैं चार बार झड़ा था और वो करीब छह बार झड़ चुकी थी. सच दोस्तों, घर में उसकी जवानी का पहला मजा ले कर मुझे मजा आ गया था.
इसके बाद उसने अपने दोस्तों के साथ रात में 11 बजे फिर से मेरे घर आने का वादा किया और मेरे लन्ड पर एक जबरदस्त चुम्मी देकर चली गई.
इसके बाद मैं मार्केट गया और रात के लिए कुछ खाने का समान और एक पैकेट कंडोम लेकर आया. रात के 11 बज रहे थे, तभी मेरे दरवाजे पर दस्तक हुई तो मैं ख़ुश हो गया और जल्दी से दरवाजा खोला तो देखा तीनों बहुत ही सेक्सी ड्रेस में दरवाजे पर खड़ी हैं.
मैं तो कुछ देर तक उन्हें देखता ही रह गया. फिर मैंने उन्हें अंदर बुलाया और कुछ ड्रिंक पीने को दी. तीनों बहुत खुश थीं. फिर मैंने बारी – बारी से तीनों के ऊपर के सारे कपड़े निकाले और बाद में अंडर गारमेंट्स भी निकालने लगा.
हम सब एक दम चुदक्कड़ की तरह व्यवहार कर रहे थे. फिर मैंने बारी – बारी से तीनों की चूचियां चूसी और फिर करीब 10 मिनट एक – एक करके तीनों की चूत को चाटा. वे सभी अपनी चूत एक दम से साफ कर के आई थी.
फिर मैंने उनकी चूत पर शहद लगाया और चाट कर साफ कर दिया. दोस्तों, उनकी चूत चूसने में मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था. मैंने जम कर तीनों की चूत को चूसा और फिर उसके बाद तीनों की जमकर चुदाई की.
रात भर चली इस चुदाई के दौरान हम में से कोई भी थका नहीं था. हमने फूल मज़े किये. फिर उन्होंने कहा कि हम पांच दिनों की छुट्टियों पर हैं. यह सुन कर मैं बहुत खुश हुआ.
फिर हम सो गए और फिर अगली सुबह हम 12 बजे दोपहर को उठे. उठने के बाद मैं मार्केट गया और एक बार में हफ्ते भर का राशन ले आया. अब तो हम चारों ने मिल कर दिन – रात एक कर दिया. पूरे पांच दिन हमने जबरदस्त तरीके से चुदाई की.
इसके बाद जब भी हमें मौका मिलता या जब भी उनकी छुट्टी होती तो वे मेरे घर आ जातीं और हम मिलकर खूब मजे करते. धीरे – धीरे हमारे ग्रुप में उनके 3 दोस्त और भी शामिल हो गए हैं. अब हम सभी के सभी खूब मजे करते हैं.