Desi Sex Stories – मैंने भी एक हाथ से उसके गुलाबी चूत में ऊँगली अन्दर – बाहर कर रहा था और एक हाथ से उसके बूब्स दबाते जा रहा था. वो बड़े प्यार से मेरे लंड के साथ खेल रही थी. फिर अचानक डोर पर बेल बजी और हम दोनों डर गए…
हेलो दोस्तों, आज मैं आप को जो चुदाई की स्टोरी बताने जा रहा हूँ, वो एक महीने पहले की है. दोस्तों, मैं एक एमएनसी कंपनी में जॉब करता हूँ. मेरे साथ एक मैडम भी काम करती हैं. मेरी उस मैडम का नाम स्नेहा है.
वो दिखने में बहुत गोरी और सेक्सी हैं और उनका फिगर 30-28-36 का है. दोस्तों, वह एक दम कड़क माल हैं. मेरा तो मन करता था कि बस अभी खा जाऊं उसको. वो मेरी प्रोजेक्ट इंचार्ज थी. धीरे – धीरे जैसे हमारी बातचीत शुरू हुई, वैसे – वैसे वो मेरे से बहुत फ्रेंडली हो गयी.
बातचीत से मुझे पता चला कि वो एक शादी- शुदा औरत है और उसकी शादी को 2 साल हो चुके हैं. दोस्तों, स्नेहा मैडम की एक बहुत क्लोज फ्रेंड थी, जिसके साथ वो अपनी सारी प्रॉब्लम शेयर करती थी. उसका नाम कविता था और उसकी भी शादी हो गयी थी.
कविता भी बहुत गोरी थी और मैंने उसे गार्डन में एक ऑफिसर एक साथ किस करते हुए देखा था तो वो मुझ से डर कर बात करती थी. लेकिन मैंने उससे कहा कि बिंदास बात किया कर और जो तुझे करना है वो कर. मैं किसी को तेरे बारे में कुछ भी नहीं बताऊंगा. क्यूंकि मुझे किसी कि ज़िन्दगी बर्बाद करना अच्छा नहीं लगता. फिर वो मेरे से खुल गई थी.
एक दिन जब मैं, स्नेहा मैम से प्रोजेक्ट के बारे में डिस्कशन कर रहा था तो मैडम को फ़ोन आया. उन्होंने फ़ोन उठाया और वो परेशान हो गयी. उन्हें गुस्सा आ गया था. यह देख कर मैंने उनसे पूछा कि क्या हुआ मैम? तो उन्होंने कहा कि कुछ नहीं.
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अब मैंने फिर से वही सवाल लगभग 3-4 बार पूछा तो वो मेरे पर भड़क गयी और बोली, “तुम अपना काम करो. यह मेरी पर्सनल प्रॉब्लम है तो मुझे मत सताओ.” फिर मैंने उनसे सॉरी कहा और वहां से चला आया. हमारे बीच की यह सब बातें उनकी बेस्ट फ्रेंड कविता ने सुन ली और फिर कविता ने उनसे कहा कि स्नेहा, तू उस बेचारे पर क्यों भड़क गयी इतना? उसने क्या किया है?
इस पर मैडम ने उसको बताया कि मेरे पति का कॉल था और मेरा उनसे बहुत झगड़ा हो गया क्यूंकि वो मुझ से कभी प्यार नहीं करते, न फ़ोन पर प्यार की बात करते है, उन्हें तो जब भी देखो जॉब की पड़ी रहती है. तो मैं बहुत गुस्सा थी और ऐसे में मैं स्मिथ को क्या बताती?
इस पर कविता ने कहा कि स्मिथ ऑफिस का एक अच्छा लड़का है. उसके साथ तू अपनी सारी प्रॉब्लम शेयर कर सकती है. मुझे उस पर पूरा विश्वास है. अगले दिन हमारा प्रोजेक्ट प्रेजेंटेशन सक्सेस फुल हो गया. इस कारण मैम बहुत खुश हो गयी और उसके बाद उन्होंने मुझे बुला कर सारी बात बता दी. उसे सुन कर मैं भी बहुत खुश हुआ और मैंने उनसे कहा कि आप चाहो तो मैं आपकी हेल्प कर सकता हूँ. वो भी जैसे आप कहें वैसे!
फिर उन्होंने कहा कि ठीक है, कल दोपहर को मेरे घर आ जाना, मेरे पति की ड्यूटी दोपहर की है. अब मैं मैडम के कहने पर अगले दिन उनके घर चला गया. वो नाईटी पहन कर मेरा इन्तजार कर रही थी. जैसे ही मैं उनके घर पंहुचा, वैसे ही मैम ने मुझे किस करना शुरू कर दिया और कहा कि देख मुझे तूझ पर विश्वास है इसलिए मैंने पहली बार किसी पराये मर्द से नाजायज़ रिश्ता रखा है.
यह सुन कर मैंने उसे विश्वास दिलाते हुए कहा कि देखो मेरी प्यारी मैम, आपको टेंशन लेने कि कोई ज़रूरत नहीं है. आप जैसे चाहो जब भी चाहो उस वक़्त मैं आपकी सेवा में हाज़िर हूँ. कोई ज़बरदस्ती नहीं है और 100 प्रतिशत सुरक्षा और सेफ्टी के साथ.
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फिर हम बहुत जोर – जोर से किस करते रहे. अब मैम सिसकारियां भी ले रही थी. सिसकारियां सुन कर मैं और जोश में आ गया और तेजी से किस करना शुरू कर दिया. साथ में मैं उनके बूब्स भी दबा रहा था. बूब्स दबाते हुए लग रहा था कि जैसे मेरा हाथ किसी स्प्रिंग के पर ऊपर – नीचे हो रहा है.
फिर धीरे – धीरे मैंने मैम की नाईटी खोल दी. अब वो सिर्फ पिंक कलर की ब्रा और पेंटी में थी. दोस्तों, वो क्या कमाल की लग रही थी! मुझे तो ऐसा लग रहा था कि मैं गुलाब के बगीचे में गुलाब शरबत पी रहा हूँ. फिर उसने मेरे कपड़े निकाले और मेरा लंड पकड़ कर कहा, “यह तो मेरे पति के लन्ड से भी बड़ा है.” अब वो मेरे लंड से खेलने लगी थीं.
मैंने भी एक हाथ से उसके गुलाबी चूत में ऊँगली अन्दर – बाहर कर रहा था और एक हाथ से उसके बूब्स दबाते जा रहा था. वो बड़े प्यार से मेरे लंड के साथ खेल रही थी. फिर अचानक डोर पर बेल बजी और हम दोनों डर गए.
अब हमने हिम्मत कर के कपड़े पहने और नार्मल हो गए. मैं सोफे पर बैठ गया और अपने बैग से कुछ ऑफिस की फाइल्स निकली और पढ़ने का नाटक करने लगा. फिर स्नेहा मैम ने दरवाजा खोला तो सामने उनके पति खड़े थे.
उन्हें देख कर वो थोड़ी डर गयी, लेकिन दोस्तों, सिचुएशन हैंडल करने में वो एक दम एक्सपर्ट थी. फिर उन्होंने अपने पति से मेरा इंट्रोडक्शन कराया और कहा कि यह स्मिथ मेरे ऑफिस के ग्रुप मेम्बर है और यहां प्रोजेक्ट के काम से आया है.
मैंने भी उनके पति को नमस्ते कहा और फिर मैंने मैम से कहा कि चलो, अभी मैं निकलता हूँ मैम, आप तो बिजी होंगी. कल सुबह में ऑफिस में बात करते है. ऐसा मैंने कहा ताकि उनके पति को कुछ भी शक न हो. लेकिन तभी उनके पति ने कहा कि नहीं नहीं, मैं तो ऑफिस जा रहा हूँ. आप लोग अपना काम जारी रखिये.
यह सुन कर मैं बहुत खुश हुआ और फिर थोड़ी देर में वो चले गए. थोड़ी देर बाद मैम के के रिलेटिव का फ़ोन आया. उनके वो रिलेटिव आने वाले थे तो मैम ने मुझसे कहा, “प्लीज स्मिथ आज नहीं, हम फिर कभी चुदाई करेंगे.” तो मैंने भी ज़बरदस्ती न करते हुए उनको एक किस और थोड़ी देर बूब्स दबा के वापस चला गया.
दो दिन बाद फिर मैम का फ़ोन आया और उन्होंने फिर मुझे घर बुलाया. यह सुन कर मैं बहुत खुश हुआ और मार्किट से कंडोम और थोड़ी बहुत ड्रिंक्स, खाने का सामान लेकर उनके घर चला गया. उनकी बिल्डिंग वाले मुझे देख रहे थे.
यह देख मैंने जान बूझ कर एक आदमी से मैम का एड्रेस पूछा और कहा कि मैं उनके ऑफिस का मेम्बर हूँ और ऑफिस के काम से आया हूँ. मैंने कहा कि मैं एक इन्वेस्टमेंट एडवाइजर हूँ और अगर आपको भी कोई जानकारी चाहिए तो मैं बता सकता हूँ.
उन्होंने कहा, “नहीं इतना ही ठीक है. फिर उन्होंने मैम का एड्रेस बताया और मैं मैम के पास चला गया. दोस्तों, मैंने यह सब इसलिए किया, क्यूंकि हर एक लड़की की ज़िन्दगी में इज्ज़त बहुत मायने रखती है और ऐसा करने से किसी को कुछ शक भी नहीं हुआ और मेरा काम भी हो गया.
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फिर मैं मैम के घर जाकर उनको बेडरूम तक गोद में उठा के ले गया. उन्होंने रेड कलर की साड़ी पहन रखी थी और फिर मैंने उनको पूरा नंगा किया और उन्होंने मेरे को पूरा नंगा कर दिया. मैंने देखा कि मैम की चूत तो बहुत चमक रही थी और उनके बूब्स भी तन गए थे.
यह सब देख कर मेरा लंड तनतना कर खड़ा हो गया. फिर मैं धीरे – धीरे उनको किस करने लगा और इस दौरान मैं उनके बूब्स भी मसलने लगा. अब वो मेरा लंड चाटने लगी थी. लन्ड चटाई से मैं तो जैसे ज़न्नत में पहुंच गया था.
फिर मैंने धीरे – धीरे उनको हर एक स्टाइल में खूब चोदा और अगले 2 दिन की चुदाई की. इन दो दिनों की चुदाई में ही वो बहुत ज्यादा खुश थी. फिर हम रोज ऑफिस में एक्स्ट्रा टाइम तक रुकते और सबके जाने का इंतज़ार करते. सबके जाने के बाद मैम और मैं ऑफिस के टॉयलेट में बहुत चुदाई करते थे. अब तो हमारा रोज का नियम ही बन गया था. उम्मीद है आप सब को कहानी पसंद आई होगी.